झंडा गीत (कक्षा-३ से ५ के लिए)

                              झंडा गीत


भारत के झण्डा गीत की रचना श्यामलाल गुप्त 'पार्षद' ने की थी। 7 पद वाले इस मूल गीत से बाद में कांग्रेस नें तीन पद (पद संख्या 1, 6 व 7) को संशोधित करके ‘झण्डागीत’ के रूप में मान्यता दी। यह गीत न केवल राष्ट्रीय गीत घोषित हुआ बल्कि अनेक नौजवानों और नवयुवतियों के लिये देश पर मर मिटने हेतु प्रेरणा का स्रोत भी बना।
"झण्डा गीत" - विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झण्डा ऊँचा रहे हमारा
भाषा - हिन्दी
प्रदर्शित हुआ - फ़रवरी 19, 1938
शैली - देशभक्ति
संगीतकार - श्यामलाल गुप्त 'पार्षद
फिल्‍म का नाम - फरिश्ते (1991)
गायक - शब्बीर कुमार


झण्डा ऊँचा रहे हमारा,

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा-२


१-सदा शक्ति सरसाने वाला,

प्रेम सुधा बरसाने वाला

वीरों को हर्षाने वाला,

मात्र भूमि का तन-मन सारा-२

झण्डा ऊँचा------------------


२-स्वतंत्रता के भीषण रण में,

लंख कर जोश बढ़े क्षण -क्षण में 

काँपे शत्रु देख के मन में,

मिट जावे भय संकट सारा-२

झण्डा ऊँचा----------------


३-इस झण्डे के नीचे निर्भय,

ले स्वराज यह अभिचल निश्चय

बोलो भारत माता की जय,

स्वतन्त्रता ही ध्येय हमारा-२

झण्डा ऊँचा-----------------


४-इसकी शान न जाने पाये,

चाहे जान भले ही जाये 

विश्व विजय कर के दिखलाये 

तब होवे प्रण पूर्ण हमारा-२

झण्डा ऊँचा-----------------३


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